Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Jyoti Deshmukh

Tragedy

4  

Jyoti Deshmukh

Tragedy

week- 43 दहेज दानव

week- 43 दहेज दानव

1 min
362


एक पिता ने अरमानों से रचाया अपनी बेटी का ब्याह 

एक अच्छा वर ढूंढ करा अपने कर्तव्य  का निर्वाह 

अपने हैसियत मुताबिक किया अपनी बेटी का विवाह 


सोचा सब अच्छा होगा बेटी सुखी रहेगी, बनेगा उसका स्वर्ग उसका घर संसार है 

पर उसकी उम्मीद धुआं धुआं हो गई दहेज के नाम पर उसे मिला धोखा 


ससुराल पक्ष से मिला क्यों दहेज का अभिशाप है

ये दहेज दानव क्यों जुल्म ढहा रहा कहीं आत्महत्या,

तो कहीं जलाकर मारा जा रहा बेटियों को 


दहेज लेना देना जुर्म है 

ये कैसी जागरूकता, इस गंभीर विषय पर सोच- विचार कर इसे खत्म करे 


जब बेटियाँ होगी शिक्षित, करेगी समाज को गौरवान्वित 


बेटियों को सम्मान मिले, मिटाए इस कुरीति को तब होगा समाज का विकास 


जहाँ माँगा जाए दहेज उस घर विवाह नहीं करना है 

हो शिक्षित हर बेटी, रहे जागरूक आत्मनिर्भर उसे अब होना है 

अपना भविष्य अब उसे उज्ज्वल कर जाना है 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy