दोस्ती
दोस्ती
जो व्यथित हृदय को तृप्त करे वो है दोस्ती
जो हताश हृदय को आशा दे वो है दोस्ती
जो हाथ पकड़ साथ निभाए, बिछड़े हुए का मेल कराए वो है दोस्ती
जो उचित और अनुचित में फर्क़ बताए और हमारा भला चाहे वो है दोस्ती
प्रेम और त्याग के धागे से जुड़ा एक विश्वास है दोस्ती
दुनिया के सभी रिश्तों में पाक है दोस्ती
दिल को दिल से जोड़ने वाला एक प्यारा एहसास है दोस्ती
जीवन में जो घोल दे रस ऐसी मिठास है दोस्ती
जीवन में रंगों से जो सरोबार कर दे ऐसा इन्द्रधनुष है दोस्ती
डगमगाते कदमों को जो सम्भाले वो हाथ है दोस्ती
बदल कर हर भूल वो काबू है दोस्ती
अंधेरे को जो रोशनी से भरे ऐसा दीपक है दोस्ती
आंसुओं को जो खुशी में बदल दे ऐसा प्यारा साथ है दोस्ती
आशा को कर दे मोती ऐसा सीप है दोस्ती
भटकाव के मोड़ पर मिले वो पनाह है दोस्ती
हर नाकामी को जो हरा दे वो जीत है दोस्ती
होठों पर जो मुस्कान लाए ऐसा हास्य है दोस्ती
जीवन को सात सुरों से सजाये ऐसा संगीत है दोस्ती
जीने की कला सिखाए ऐसा अंदाज है दोस्ती
दिल के गहरे घावों को जो मरहम बन भर दे वो है दोस्ती
नफरत को जो प्यार में बदल दे ऐसा जादू है दोस्ती
कभी करे ना उजागर मुश्किल में देख समस्या जो सुलझाए ऐसी औषधि है दोस्ती
भाव ईर्ष्या का न हो कलह ना हो जीवन में, हो सच्ची मित्रता जिसमें वो है दोस्ती
विपरित परिस्थितियों में जो सदा खड़े रहते है,जो खुशियों की वज़ह बनते है वो है दोस्ती
गुलाब की खुशबू,है दोस्ती जो सदा खुशबू बिखेरती है दोस्ती लहरों की तरह हमे डूबने से बचा ती है
वफ़ा आशिकी, प्यार तकरार है दोस्ती
जो रुदन और उलझन में हंसने की हिम्मत दे वो है दोस्ती
मन से मन को जीवन में समरसता की धार बहाए वो है दोस्ती
प्यार, मुहब्बत,समर्पण भाव सा ऐसा पवित्र रिश्ता है दोस्ती