STORYMIRROR

Geeta Choubey

Inspirational

4  

Geeta Choubey

Inspirational

ज़िन्दगी का सफर

ज़िन्दगी का सफर

1 min
352

मंज़िल उन्ही को मिलती है

जो जिंदगी के सफर पे

जिंदादिली से निकलते हैं

सिर्फ़ पंखों से कुछ नहीं होता,

हौसलों से वो उड़ान भरते हैं


हौसला अगर बुलंद हो तो,

लयबद्ध ताल और छंद है

अन्यथा जिंदगी के सफर के दिन

बहुत ही चंद हैं

उठो भागो, सरपट दौड़ो,

क्या गति तुम्हारी मंद है?


देख लो कहीं तुम्हारे विवेक की

खिड़की तो नहीं बंद है?

अपने सोच को विकसित

सिर्फ़ तुम ही तो कर पाओगे


जिंदगी के सफर को एक नया आयाम

सिर्फ़ तुम ही दे पाओगे

कोई न होगा संग तुम्हारे,

मंज़िल अकेले ही पानी है

कर लो तुम कुछ नेक कमाई,

दुनिया तो ये फानी है


क्या कहोगे उस रब से,

जब पास उसके जाओगे

सिर्फ़ इच्छा कामना ही की

क्या ये कह पाओगे?

अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है,

कर लो कुछ सत्कर्म तुम

जीवन-सफर की

मंज़िल सिर्फ़ ख़ुदा है,

जान लो ये मर्म तुम...

                


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational