फिर से आया वसंत
फिर से आया वसंत
1 min
301
फिर आया वसंत मधुमास लेकर।
कलियों संग भ्रमर-परिहास लेकर।
ढले यौवन की स्मृतियाँ संजोते,
वृद्ध तरुओं में उच्छ्वास लेकर।
फिर से नयी कलियाँ मुस्काएँगी
खुशबू हवा में फिर महकाएँगी।
भ्रमर के जाल में फँसकर ठगी-सी,
फिर पहले जैसी छली जाएँगी।
यह सिलसिला यूँ चलता जाएगा
सब फिर से पुराना हो जाएगा।
सेतु बनेगी फूटी नयी कोंपल,
वसंत फिर सब कुछ दोहराएगा।