मिले प्रशंसा खास
मिले प्रशंसा खास
रहना जीवित यदि है ,करते रहो प्रयास।
वरना खोना पड़ेगा, अर्जित सब विश्वास।1।
जाता यदि विश्वास तो , बाधित रूचि निष्कर्ष ।
बाधित रुचि न सृजन हो, तब केवल संघर्ष।2।
यदि होगा संघर्ष तो , धूमिल सब आदर्श।
ऐसे जीवन से भला ,क्या होगाा उत्कर्ष।3।
इसीलिए रहना सदा, कर्मठ उद्यमशील।
नहीं रहे तो भोगना , कुंठा व्यथा श्लील।4।
उद्यम यदि करते रहेंं, मिलेे प्रशंसा खास।
व्यर्थ वेदना के लिए, रिक्त समय ना पास।5।