STORYMIRROR

Suresh Sachan Patel

Inspirational

4.8  

Suresh Sachan Patel

Inspirational

।।माॅ॑।।

।।माॅ॑।।

2 mins
942


          

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


तुम ही हो आधार जगत की, जगत की जननी तुम ही हो।

बिन माॅ॑ के न ये संसार रहेगा,नींव प्रकृति की तुम ही हो।

तेरे अहसानों का जीवन में माॅ॑,कैसे मैं उनका उदगार करूॅ॑।

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


माॅ॑ तुम कितने कष्ट उठाती,जब बच्चे को धरती पर लाती।

हर वक्त बच्चे पर ध्यान लगाती,हर दुख से उसे बचाती।

तेरे प्यार और स्नेह में माॅ॑,मै जीवन अपना कुर्बान करूॅ॑।

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


तेरी ममता के आगे माॅ॑, फीकी दुनिया सारी है।

>

एक तेरा बस प्यार है सच्चा,स्वार्थ की दुनिया सारी है।

माॅ॑ तेरे इस निश्छल प्यार को, कैसे मै सम्मान करूॅ॑।

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


माॅ॑ तेरे आंचल के अमृत से, दुनिया सिंचित होती है।

मेरे थोड़े से कष्ट से ही माॅ॑,तू कितना चिंतित होती है।

प्यार भरे तेरे सच्चे आँचल का,कैसे मै आभार करूॅ॑।

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


माॅ॑ तेरे पद चापों से,आंगन में बजता संगीत सा था।

माॅ॑ तेरी आवाजों से, घर में बजता एक गीत सा था।

माॅ॑ तेरे हाथों के भोजन की, क्या मै तारीफ करूॅ॑।

नमन तुम्हे है हे! माता, मै शत शत बार प्रणाम करूॅ॑।

शब्द नहीं मेरे मन मंदिर में,कैसे तेरा गुणगान करूॅ॑।


      


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational