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Suresh Sachan Patel

Inspirational

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Suresh Sachan Patel

Inspirational

।।अपने -पराए।।

।।अपने -पराए।।

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अपने और पराए का,

कैसे मैं अनुमान करूॅ॑।

अपने ही जब बेगाने बन गए,

कैसे मैं उनका गुणगान करूॅ॑।


स्वार्थ भरी इस दुनिया में,

बेगाना बनते देर नहीं लगती।

सुलग रही चिंगारी दिल में,

 आग लगते देर नहीं लगती।


बेगाने तो बेगाने होते हैं,

केवल अपनापन दिखलाते हैं।

जब आ जाती है गर्दिश कोई,

दूर भाग सब जाते हैं।


छोटी छोटी आपस की बातों में,

मत उलझो अपनों से तुम।

एक दूजे का साथ निभाओ,

बनो सहारा एक दूजे का तुम।


छोटे छोटे आपस के भूकंपों से,

मत छोड़ो साथ अपनों का तुम।

साथ साथ सब साथ चलो,

मिलकर सबका साथ निभाना तुम।


 


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