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PARAMITA BASAK

Inspirational

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PARAMITA BASAK

Inspirational

मैं एक नारी हूँ

मैं एक नारी हूँ

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मैं एक नारी हूँ

किसी की घर की बहू 

तो किसी के घर की बेटी हूँ

हा मैं नारी हूँ, 

बाबा की लाड़ली कभी

तो उनकी ही कभी पराई हूँ

हा मैं नारी हूँ।

ज़िन्दगी की हर मोड़ पे

जीती हर एक लड़ाई हूँ

हा मैं नारी हूँ, 

मातृत्व से भरी हुई कभी 

तो कभी दुर्गा बनके आयी हूँ

हा मैं वही नारी हूँ । 

समाज जिसे ठोकर मारे 

अपनों से भी हारी हूँ, 

मैं वही अबला कहलाती हूँ

हा मैं नारी हूँ । 

फिरभी लेके अपनी आन 

अपना स्थान बनाती हूँ, 

हा मैं वही नारी हूँ। 



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