हर चेहरे की अलग पहचान है
हर चेहरे की अलग पहचान है


हर चेहरे की अपनी पहचान, हर शख्स की अलग है शान,
जिन्दगी की राह पर सभी चलते, पाते अपना अपना मुकाम।
सबकी अपनी अपनी लड़ाई है, सबका अपना अपना वजूद,
कोई अपना नहीं इस जग में, अपनी पहचान बनानी है खुद।
सबके होते अलग अलग रास्ते, सबकी मंजिलें अलग अलग,
किसी का चेहरा किसी से न मिलता, सभी तो विलग विलग।
जो जैसा कर्म है करता, वैसी ही उसकी हो जाती है पहचान,
कर्म पथ पर चलते चलते, छोड़ जाते सभी अपने निशान।
अपनी सोच को अलग आगाज़ जो देते, रचते अलग प्रतिमान,
इतिहास में जगह बना लेते, मिलता जग में अलग सम्मान।
मुसीबतों से नहीं डरते जो, हर बाधा को हर कर चलते हैं,
जिन्दगी में वही नाम कमाते, दिलों पर वे राज करते हैं।
इतिहास भरा पड़ा हैं ऐसे व्यक्तित्व से, जिन्होंने बढ़ाई शान,
हर हाल में वे डटे रहे पथ पर, पा ली अपनी अलग पहचान।
ऐसी पहचान बनाना जीवन में, बन जाए अलग ही कीर्तिमान,
देश के लिए जीना, देश के लिए मरना, ऐसा हो तेरा मुकाम।
याद करो सुभाष बोस को, शहीद भगत व शहीद आज़ाद को,
याद करो लक्ष्मीबाई को, और याद करो रानी पद्मावती को।
शत्रु के सामने शीश न झुकाया, आगे रखा सदा राष्ट्रहित को,
इतिहास याद उन्हीको करता, करते न्योछावर हैं जो खुद को।
जगा लो मन में तुम भी आज, कर्मपथ पर चलने का जज़्बा,
गिरो, पड़ो, फिर उठ जाओ, बढ़ो बना लो जग में अलग रुतबा।
क्या हुआ अगर जंग लग भी गई तो, वजूद को फिर दो धार,
संघर्षों की शमशीर से लड़ते रहो, बन जाओ फौलादी हथियार।
कोई तूफान तुम्हें तोड़ न सके, कोई जलजला मोड़ न सके,
ऐसी गति देना अपने कदमों को, कि कोई तुम्हें रोक न सके।
राह में मिलेंगे अंगार बार बार, निगल लेना तुम सारे अंगार,
बनानी है पहचान अलग अपनी, तो करना संघर्ष बार बार।
तुम्हारा चेहरा तुम्हारा ही हो, न लगाना औरों का मुखौटा,
सत्य मार्ग पर चलना तुम, न लाना मन में भाव खोटा।
कभी औरों के हाथों न देना, अपनी पहचान की कमान,
न भूलना अपनी शख्सियत, न भूलना अपनी पहचान।