नव आगत सुखप्रद बातों को लाओ जो हर्षाती हों। नव आगत सुखप्रद बातों को लाओ जो हर्षाती हों।
खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार। खेलूंगी होली उस खातिर था जो मेरे मन का शृंगार।
उनकी प्यारी बहू बनने में हमने अपने आपको भुला दिया उनकी प्यारी बहू बनने में हमने अपने आपको भुला दिया
वह एक इंसान नहीं कोई वस्तु हो जैसे, पूछा जाए कैसी लगी ? वह एक इंसान नहीं कोई वस्तु हो जैसे, पूछा जाए कैसी लगी ?
ना बेटी ना बेटा सिर्फ तुमने दोनो सा पाला है, ना छोड़कर जाऊंगी फैसला मैंने कर डाला है। ना बेटी ना बेटा सिर्फ तुमने दोनो सा पाला है, ना छोड़कर जाऊंगी फैसला मैंने कर ...
तिरस्कार और लांछन तो जैसे मेला है, आत्मसम्मान की अर्थी निकली हो जैसे, कुड़े में पड़ा एक बेसाहरा टु... तिरस्कार और लांछन तो जैसे मेला है, आत्मसम्मान की अर्थी निकली हो जैसे, कुड़े मे...