नारी इस जग की जननी है
नारी इस जग की जननी है
भारत माता की संताने बेटी भारत माँ की हम हैं।
सरस्वती विद्या की देवी उस देवी की बेटी हम हैं।
धन की देवी लक्ष्मी माँ की पूजा हम सब नित करते हैं।
नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं।
शक्तिस्वरूपा दुर्गा आगे अरि का भाला सदा मौन है।
सहनशीलता की जो मूरत सीता से बढ़ आज कौन है।
मात सुमित्रा और उर्मिला महात्याग कर दिखलाया है।
राधा ने भी कृष्ण प्रेम में जीवन को खूब तपाया है।
वेद पुराण शास्त्र सारे ही मुक्त गान तेरा करते हैं।
नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं।।
झाँसी की लक्ष्मी ने रण में मर्दानी ताकत पायी थी।
कनकलता ने बाल उमर में सीने पे गोली खाई थी।
सरोजनी की शिक्षा पर भी अभिमान देश ये करता है।
कस्तुरबा के योगदान को कैसे देश भुला सकता है।
नोजवान भारत के सारे गौरव की गाथा कहते हैं।
नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं।।
महादेवी महाश्वेता मनु प्रीतम को बच्चे पढ़ते हैं।
मीरा के भजनों पे घुंघरू बाँध भक्तगण नचते हैं।
ममता मूरत टेरेसा ने सेवा संकल्प उठाया है।
मेधा कीरण बेदि जैसा रत्न अनोखा जग पाया है।
g>चढ़ी बछेंद्री पाल हिमालय हम नाम शान से लेते हैं। नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं। रेखा राखी मधुबाला ने अभिनय में नाम कमाया है। आशा और लता जो गाई वो सबका हृदय लुभाया है। मेरीकॉम सिंधु गीता अरु उषा ने मान दिलाया है। नाम कल्पना का जग सारा भूल आज तक नहीं पाया है। कोई क्षेत्र अछूता अब ना हम डटकर आगे बढ़ते हैं। नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं। जनम कोख से नर जो लेता नो मास उसे वो रखती है। सौ बार मरे ऐसे दुःख को सहकर वो बालक जनती है। जो बच्चे के मुख से निकले पहला स्वर वो तो माँ का है। दुःख में जो मुख से निकले वो आह शब्द केवल माँ का है। पत्नी बेटी बहन सहेली रिश्तों का सुख सब देती हैं। नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं। नारी का अपमान हुए जब वसुधा भी तब रो पड़ती है। है धन्य नार सब कुछ सहकर जो फिर भी हँसती रहती है। बुरी नजर जो इन पर डाले मानव राक्षस के समान है। नारी को इज्जत से देखे उसका जग में बहुत मान है। आँच न आने देंगे इस पर संकल्प आज हम करते हैं। नारी इस जग की जननी है वन्दन उसको हम करते हैं।।