मंगल नाम हो पावन नाम हो , राम के नाम का उत्तम जप हो। मंगल नाम हो पावन नाम हो , राम के नाम का उत्तम जप हो।
हंसो यार जीवन का जीवन्त तकाजा है। हंसो यार जीवन का जीवन्त तकाजा है।
एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव जगता है एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव ज...
रक्तचाप के रोग में , आता है आराम। सर्वांगासन योग ये,करे और भी काम।। रक्तचाप के रोग में , आता है आराम। सर्वांगासन योग ये,करे और भी काम।।
बात सिर्फ तुम्हारी नही है, तुम्हारा जीवन बस तुम्हारा नही है। बात सिर्फ तुम्हारी नही है, तुम्हारा जीवन बस तुम्हारा नही है।
आदिकाल से चल रहा चक्र यह, न हो पाता कई जगह बदलाव। आदिकाल से चल रहा चक्र यह, न हो पाता कई जगह बदलाव।
धरती का ये टुकड़ा अमर, जो वीरों का संसार है। धरती का ये टुकड़ा अमर, जो वीरों का संसार है।
अब पूरा भारत देश ही उसका परिवार है अब पूरा भारत देश ही उसका परिवार है
इनकी आहों को सुन ईश्वर भी हित न करे इनकी आहों को सुन ईश्वर भी हित न करे
धरती को पाप से मुक्ति दिलाएं, धर्म की धारा फिर बहाएं। धरती को पाप से मुक्ति दिलाएं, धर्म की धारा फिर बहाएं।
वृक्षदेव घणे उपकारी, रोकै सभी बीमारी। पेड़ों पे निर्भर हम सब, रहती ये दुनियादारी।। वृक्षदेव घणे उपकारी, रोकै सभी बीमारी। पेड़ों पे निर्भर हम सब, रहती ये दुनियादा...
हर गली औ' गाँव शहरों में तिरंगा मस्त फहरे हर गली औ' गाँव शहरों में तिरंगा मस्त फहरे
जब प्रीत रहे मन- ऑंगन तो, मन-मोर कभी उद्भ्रांत न होगा जब प्रीत रहे मन- ऑंगन तो, मन-मोर कभी उद्भ्रांत न होगा
किताबी जीवन में, हमने न जाने कितने अनुभव किये ? किताबी जीवन में, हमने न जाने कितने अनुभव किये ?
मुट्ठी भर अंग्रेज भी आये, हिंसक पशुओं को फुसलाये, मुट्ठी भर अंग्रेज भी आये, हिंसक पशुओं को फुसलाये,
जहाँ पति की पत्नी से नहीं बनी, वहाँ पीनी पड़ेगी चाय बिना छनी। जहाँ पति की पत्नी से नहीं बनी, वहाँ पीनी पड़ेगी चाय बिना छनी।
मैं हमेशा जिंदगी के खेल को जीतना चाहता हूं। मैं हमेशा जिंदगी के खेल को जीतना चाहता हूं।
कितना बदल गया है ज़माना, वर्तमान मै सब हम जी रहे हैं। कितना बदल गया है ज़माना, वर्तमान मै सब हम जी रहे हैं।
घर घर में तिरंगा लहराए प्रेम गंगा, जिसकी छटा तो जन जन को लुभाएगी घर घर में तिरंगा लहराए प्रेम गंगा, जिसकी छटा तो जन जन को लुभाएगी
हे जननी जगदम्बा, तुम ही हो शक्ति हमारी मेरे मन हृदय में बसती, अक्षय नवधा भक्ति तुम्हारी। हे जननी जगदम्बा, तुम ही हो शक्ति हमारी मेरे मन हृदय में बसती, अक्षय नवधा भक्त...