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Sukanta Nayak

Inspirational

5.0  

Sukanta Nayak

Inspirational

एक हौसला

एक हौसला

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जीवन में कुछ ऐसे पल आते हैं

जो ना चाहे भी जीने पड़ते हैं

हर लम्हा खामोश हो जाती है

दिल में एक सन्नाटा छाया रहता है।


उम्मीद कि एक किरण आस बन जाती है

हर एक दामन माँ की याद दिलाती है।

अंदर से रोते हैं हम और दुनिया हम पे मुस्कुराती है

न चाहे भी गलती कर देते हैं

और दुनिया को अलविदा कहते हैं।


यह कैसी कशिश है, ये कैसा समा है

जो मरना सिखाये वो कैसा सपना है।

राह चलते कदम डगमगाना तो फितरत है

पतझड़ तो मौसम बदलने का एक निशान है।


हर मुमकिन आसान होती तो मंज़िल राही के पास होती

मुश्किलें चाहे कितनी भी हो

उलझनें चाहे कितनी भी हो

ये वक़्त गुजर जाएगा,


एक नयी सुबह फिर आएगी

तू हौसला रख, दिल में दम भर

ये काले बादल तुझ पर बूँद बनकर बरस जाएंगे।


काँटों पे फूल बरसने लगेगी,

हर सपना हक़ीक़त बन जाएगी,

कामयाबी कदम चूमेगी और

मंज़िलें खुद चलकर पास आएगी।


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