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Radha Goel

Inspirational

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Radha Goel

Inspirational

परिवर्तन करना होगा परिपाटी में

परिवर्तन करना होगा परिपाटी में

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परिवर्तन करना ही होगा तुमको इस परिपाटी में।

अब भी अगर नहीं चेते, तो मिल जाओगे माटी में। 

वैसे तो सबको ही इक दिन माटी में मिल जाना है। 

माटी में मिलने से पहले, माँ  का कर्ज चुकाना है।


अय आज की आधुनिक औलादों! तुम अपनी संस्कृति भूल गये।

पाश्चात्य सभ्यता अपनाकर, तुम सभ्य आचरण भूल गये।

एक महामारी आई, संग में इक संदेशा लाई।

प्राचीन पद्धति अपनाकर, लोगों ने इस पर विजय पाई।


बड़ा विकट संकट आया, सारा जग इससे घबराया।

कितनों का जीवन छीन लिया, कोई तोड़ न इसका मिल पाया।

पहले के बुजुर्ग जो कहते थे कि खाना खाने से पहले...

क्या करना है बाहर से... घर में प्रवेश करने से पहले?


खाने से पहले हाथ धोओ, चप्पल भी अंदर मत लाना।

चप्पल बाहर उतार कर... पद प्रक्षालन कर भीतर आना।

माँसाहारी भोजन निषिद्ध कर घर में बना भोजन खाना।

खाने के लिये नहीं जीना, जीने के लिये मात्र खाना।


सबको जीने का हक है, क्यों जीवों को मार के खाते हो?

माँसाहारी भोजन से पेट में, कब्रिस्तान बनाते हो।

भारत के जीवन मूल्यों को, अब सकल जगत पहचान गया।

भारत के मनीषियों का लोहा, आज जगत ने मान लिया।


तुम भी जागो... जागो, अपनी संस्कृति को अपनाओ तुम।

अपनी भाषा और संस्कृति का संसार में मान बढ़ाओ तुम।

मर्यादित जीवन जीना, न कभी लाँघना मर्यादा।

निज आन, जगत कल्याण भावना, दिल में जागी रहे सदा।


प्राचीन पद्धति अपनाकर, महामारी पर काबू पाया।

सारी दुनिया ने भारत के जीवन मूल्यों को अपनाया।

अस्तित्व बचाना है इनका, जीना है इस परिपाटी में। 

सोना और शक्ति उपजाना है तुमको इस माटी में। 


परिवर्तन... परिवर्तन करना होगा इस परिपाटी में।

अब भी अगर नहीं बदले, तो मिल जाओगे माटी में।




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