गोरा बादल की कहानी
गोरा बादल की कहानी
गोरा बादल मिट जाएगा
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी
खिलजी ने रतन सिंह को धोखे से कैद किया था
पद्मावती को खिलजी ने एक सन्देश दिया था
मेरी बेगम तुम को बनना होगा
भयानक युद्ध होगा किसी के शीश पर धड़ ना होगा!!
दस दिन के अंदर दिल्ली तुम आओगी।
अगर ये शाही फरमान तुमने ठुकराया
रतन सिंह का शीश कटा पाओगी!!
यह बात सुनकर पद्मावती चिंतित हो जाती है।
नाराज सेनापति गोरा को ढूंढने में लग जाती है।
घोड़े संग सहेलियां लेकर वन में बढ़ जाती है।
जगह जगह पर ढूंढ गोरा की बढ़ जाती है!!
एक वृक्ष के नीचे गोरा बैठा मिल गया।
पद्मावती का चेहरा उदास मानो खिल गया!!
रानी को झुककर गोरा ने प्रणाम किया।
परंतु गोरा ने रानी से एक सवाल किया!!
हे रानी तुम महल छोड़ वन में क्यों भटकती हो
हुआ क्या मुझे बताओ किस बात से तड़पती हो!!
रानी बोली तुरंत सेनापति गोरा से
खिलजी उठाकर ले गया राजा को धोखे से!!
खिलजी चाहता है मैं उसकी हो जाऊं
छोड़ मेवाड़ को मैं बेगम दिल्ली की हो जाऊं!!
गोरा नाराज था रतन सिंह राजा से
गोरा बोला मेवाड़ में तो सुर वीरों का मेला है
रानी मेरे पास क्यों आई हो गोरा तो अकेला है!!
पद्मावती बोली गोरा से
यह बात सुन रानी गोरा के आगे शीश झुका देती है
अपने आंसुओं से गोरा को सारी घटना बता देती है।
मेवाड़ की आन राजपूती शान गोरा तेरे हाथ में है
पद्मा नहीं झुकी किसे के आगे झुकी तेरे सामने हैं!!
गोरा का मेवाड़ी खून खौल गया
यह दृश्य देखो गोरा बोला
हे रानी तुम ये क्या करती हो
तुम तो दुर्गा लक्ष्मी काली खप्पर भरती हो
रणचंडी हो तुम तलवारी रक्त से नहाती हो
तुम राजपूतानी आन मेवाड़ की पावन माटी हो!!
रानी तुम तनिक भी चिंता मत करना
लड़ेगा गोरा का धड़ चाहे रण में पड़े मरना!!
जब दिल्ली में बोलेगी राजपूती तलवारें
खिलजी के जाएंगे सारे सैनिक मारे!!
जाओ रानी तुम करो आराम
राजा मेवाड़ सुरक्षित आएंगे।
दिल्ली दिल्ली नहीं रहेगी मेवाड़ी नारों से।
फाड़ के रख देंगे राजस्थानी तलवारों से!!
जिस के कण कण में है वीरता
वो मिट्टी है सदियों पुरानी!!
गोरा बादल मिट जाएंगे
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी
फिर गोरा जाल बिछाता है
खिलजी को संदेश भिजवाता है!!
पद्मावती दिल्ली आ रही है
संग सात सौ सखियां भी ला रही हैं!!
रानी पद्मावती ने स्वम गोरा को तिलक किया!
जय भवानी बोल कर गोरा को विदा किया!!
सब सज धज के बैठ गए पालकी के रथ में!
इन वीरों को मिटाना नहीं था खिलजी के बस में!
मेवाड़ी आन इन वीरों पे टिकी थी
हजारों के बराबर एक एक सैनिक था दल में !
खिलजी की सेना को मिटाने चल पड़े रण में !!
गोरा बादल ने मिट्टी लगाई माथे राजस्थान की!
अंदर धड़क रही थी ज्वाला राजपूतानी शान की!!
सुन भतीजे बादल मेरे
गोरा बोला कंधे पर हाथ धरकर!
आजा मेरे लाल गले लग जा
देख ले इस राजस्थान को जी भर कर!!
रणभूमि में शायद मिलन दोबारा ना होगा!
बादल मेरे गर्जना दिल्ली में जाकर!
गोरा बोला बादल को ये गले लगाकर!!
हर एक पालकी में गोरा के जांबाज सैनिक बैठे थे
पालकी को चलाने वाले भी वीर सैनिक थे
फिर दिल्ली की तरफ कूच हुई
एक साथ हर हर महादेव की गूंज हुई!!
आज लिखी जाएगी गोरा बादल की अमर कहानी!!
गोरा बादल मिट जाएंगे
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी
जब दिल्ली जा पहुंची वीरों की पालकी
गोरा की सेना खिलजी के दरवाजे पर जा पहुंची!!
गोरा बोला सुन बेटे बादल
अब वक्त आ गया है लड़ मरने का!
इस धरातल पे नया इतिहास लिखने का!!
पूर्वजों की आन पर आंच ना आए!
मेवाड़ी आन राजपूतानी शान झुकने ना पाए!!
बेटे बादल कट मारना
तनिक भी घबराना मत!
दुश्मन को चीर देना
पीछे हट जाना मत!!
समय पड़े तो बलिदान देना
मेवाड़ी शीश ऊंचा करने का!
मातृ भूमि मेवाड़ धरा का दूध सफल करने का!!
बादल ने चाचा की आंखों का नीर पूछ दिया!
ये देख गोरा ने बादल का माथा चूम दिया!!
महल के अंदर खबर भेजनी की तैयारी की गई
(सैनिक ने आवाज लगाई
जाओ खिलजी को सन्देश देकर आओ)
पद्मावती आईं है साथ में अपनी सखी लाई है!
संदेश खिलजी को उस का सैनिक सुना रहा था
सैनिक बोला पद्मावती ने एक शर्त लगाई है!!
एक बार रतन सिंह से पद्मावती को मिलवा दो!
उस की सखियां को सैनिकों में बँटवा दो!!
खुशी खुशी से सैनिक बोल रहा था!
सुनकर खिलजी झूम झूम कर नाच रहा था!!
जाओ पद्मावती को रतन सिंह से
मिलाओ
बाहर जाकर ये संदेश सुनाओ!!
गोरा अपने एक लौहार को
राजा के पास जाने को बोलता है
आदेश देता हैं जाओ राजा कि जंजीर को काटो
तभी गोरा लोहार को बंदी ग्रह में भिजवाता है!
पीछे से दस पालकी लिए महल में बढ़ जाता है!!
कहता है राजा को सुरक्षित मेवाड़ पहुंचाना है!
पहले बंदी ग्रह से राजा को वापस लाना है!!
गोरा बोला
अगर भेद खुल जाए
हाहाकार मचा देना
रण भूमि को कुरुक्षेत्र बना देना!!
फिर टूट पड़ना सिंह की भांति
दिखाना मेवाड़ की चौड़ी छाती! दम खम सब लगा देना
मेवाड़ी तलवार से रक्त बहा देना!!
लौहार ने राजा के बन्धन काटे!
गोरा बादल ने शत्रु के धड़ काटे!!
खिलजी का महल गूंज रहा था
जय भवानी नारों से
दिल्ली का सिंहासन डोला रहा था
मेवाड़ी तलवारों से!!
लिखी जा रही थी एक नई कहानी!!
गोरा बादल मिट जाएंगे
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी
राजा को बन्दी गृह से छुटाया
राजा ने गोरा को गले लगाया
फिर पश्चाताप की बात बोली
इतने में ही दोनों की आंखें नम होली!!
ये वक़्त नहीं है बातों का
मुलाकातों का जज्बातों का!!
खिलजी के सेनापति को पहले से ही शक था!
देख गोरा बादल को हुआ फिर चकित था!!
खिलजी सेना ने तलवारों से ललाकर भरी!
तुरंत गोरा की सेना दुश्मन पर टूट पड़ी!!
तभी बादल को बुलाया गया
बादल जा कर रक्षा मेवाड़ी आन की!
राजा रतन सिंह को सुरक्षित पहुंचा
लगा दे अब बाजी अपनी जान की!
मैं दरवाजे से बाहर खिलजी सेना नहीं जाने दूंगा!
चाहे रक्त से नहाएं मेरे केस
मैं दिल्ली को आज श्मशान बना दूंगा!!
चाहे शीश कटे मेरा धड़ लड़ेगा
बोल रही मिट्टी राजस्थान की!
भतीजे बादल तू जा राजा को लेकर
एक भी शत्रु बाहर नहीं आएगा
कसम मुझे राजपूतानी शान की!!
आज स्वम महादेव भी नहीं रोक पाएंगे!
दिल्ली की सल्तनत में भगवा लहराएंगे!!
जब तलवार नया इतिहास लिखेगी!
इन कुत्तों की हस्ती क्या है
जो गोरा के आगे टिकेगी!!
बेटे बादल शत्रु को नहीं आने देना राजा के आगे!
काटना दुश्मन का सर भगा भगा के!!
तिल तिल कट मरना राजा हाथ ना आने पाए!
आन लगी है मेवाड़ की ये आन ना जाने पाए!!
बादल बोला सुन चाचा
पूर्वजों की सौगंध मुझे है!
शीश कटा दूंगा झुकेगा नहीं
जीवित रहे तो मिलेंगे दोबारा
मेरा अंतिम प्रणाम तुझे है!!
राजपूतानी शान अमर रहेगी
मैं मरकर नहीं मरूंगा!
मेवाड़ी मिट्टी में मेरी गंद रहेगी!!
तभी बादल को नम आंखों से गले लगाया!
गोरा बोला जा बेटे कर रक्षा
अब समय आया!!
धरती अम्बर कुछ छन के लिए शांत हुए थे!
जब चाचा भतीजे अंतिम गले लगे हुए थे!
बादल राजा रतन सिंह को लेकर
चल पड़ता है!
तभी गोरा रण में शत्रु के शीश उतारता है!!
खिलजी की सेना समझ गई थी यह रतन सिंह की दीवार बना है!
अब इसको छल से मारना होगा
मेवाड़ी सुरक्षा का ढाल बना है!!
गोरा सिंह की भांति दहाड़ रहा था रण में!
आवाज गूंज रही थी मानो गोरा की अंबर में!
नहीं रुका शत्रु के रोकने से महाकाल बना था रण में!!
यह दृश्य देख जफर ने विचार किया!
इसको छल से मारना है
पीछे से जंघा पर वार किया!
गोरा घुटनों के बल गिर गया
फिर जफर ने दूसरी जंघा पर वार किया!!
गोरा का अंतिम समय आ गया था
गोरा ने मुड़कर देखा पीछे
जफर तरवाल लिए खड़ा था!
किया वार गोरा पे जोरदार
गोरा का सर धड़ से अलग पड़ा था!!
तब अंबर और बादल गरज रहे थे!
मानो जैसे आंसू ही बरस रहे थे!!
मेवाड़ी गोरा का खून था
सर नहीं था धड़ में जुनून था!
फिर गोरा का धड़ घोड़े की भांति दौड़ा!
किया जफर पे प्रहार मानो पड़ा हथौड़ा!!
ऐसा हुआ प्रहार जफर को चीर दिया जी!
केवल गोरा के धड़ ने
जफर का अंत किया जी!!
गोरा का धड़ मिल गया
इस धरातल से!
लिखा जाएगा इतिहास स्वर्ण अक्षरों से!!
लौट आया बादल बोलकर जय भवानी!
गोरा बादल मिट जाएंगे
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी
यह दृश्य देख बादल की ज्वाला फूट गई!
मानो गंगा यमुना जैसे टूट गई!!
फिर प्रलय आ गई रण में !
हाहाकार मचा दी एक क्षण में !!
देख चाचा को ज्वाला बढ़ती गई!
शत्रु की गर्दन पे गर्दन कटती गई!!
बादल बिजली लिए गरज रहा था अंतर्मन में !
श्मशान बना रहा था दिल्ली को बीच समर में!!
पीछे से बादल पे भाले से वार किया!
पल भर में भाला पेट के पार किया!!
बादल पगड़ी उतार लेता हैं
और पेट से बांध लेता हैं
बांध लिया आंतों को कसकर केसरी पगड़ी से!
बादल नहीं डगमगा रहा था
मृत्यु की घड़ी से!!
हुआ खड़ा फिर बादल तलवार लिए समर में!
कुछ शत्रुओं को मार गिराया
अंत में मिल गया नील गगन में!!
वा रे चाचा भतीजे क्या गजब कर गए!
राजा को मेवाड़ पहुंचाया खुद मर गए!!
इस धरातल की मेवाड़ निशानी
जिस मिट्टी में गोरा बादल की सुगन्ध रहेगी
वो बलिदानी मिट्टी है राजस्थानी
तब दिल्ली बोल रही थी
जय भवानी जय भवानी!
लिखी सरफिरे लेखक ने
गोरा बादल की अमर कहानी!!
गोरा बादल मिट जाएंगे
नहीं मिटेगी शान राजपूतानी
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी
बोल रही मिट्टी राजस्थानी।