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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

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सरफिरा लेखक सनातनी

Inspirational

लाखो का बलिदान

लाखो का बलिदान

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इतिहास को समर्पित करना !

अपना देकर खून निशानी!

भारत मां कभी गुलाम नहीं हुई लाखों ने दी कुर्बानी!!

 

जो कहते है यमनो से अंग्रेजो तक गुलाम भारत हुआ था!

जो कहते है भारत को जंजीरा मेे हमने हजारों वर्ष तक जकड़ा था!!


वो सुन लेे सुर वीरो की कहानी को!

मिटाया जिस ने भारत पे अपनी जवानी को!!


महाराष्ट्र से दिल्ली तक शिवाजी की तलवार डोली थी!

लंदन में जाकर डायार के सीने में उधम की गोली बोली थी!!


इस धरातल पर बच्चे भी बचपन में बलिदान हो गए !

धर्म नहीं बदला फतेह सिंह जोरावर दीवारो में चिन दिया गए!!


तू कहते है भारत 900 वर्ष गुलाम रहा!

ये धरातल कभी गुलाम हुई नही!

यहां तो मां भी बलिदान हो गई!

लेकिन मां की कोक बांझ हुई नहीं!!


झुका नहीं यहां सीस भारत के सुर वीरो का!

मैदान को रण थली बनाया

फिर बलिदान दिया सिरो का!!


इतिहास को समर्पित करना!

अपना देकर खून निशानी!

भारत मां कभी गुलाम नहीं हुई लाखों ने दी कुर्बानी!!


तुम याद करो इतिहास के पन्नों को

जो खून की स्याही से लिखे थे!

तुम याद करो उन वीरों को 

जो सर कटे पर धड से लड़े थे!!


तुम याद करो इस मिट्टी को

जो बलिदानियों के खून से सीची थी!

तुम याद करो उन वीरांगनाओ को

जिन पे तलवारे खींची थी!!


लो आज फिर सुनाता हू

देश की कहानी को!

सत सत नमन करता हूं

देश पर मिटने वाली जवानी को!!


इतिहास को समर्पित करना!

 अपना देकर खून निशानी!

भारत मां कभी गुलाम नहीं हुई लाखों ने दी कुर्बानी!!



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