मै धरती हूं
मै धरती हूं
मै धरती हूं!
हूं मैं बलिदानियों को हरने वाली!
मै ही राक्षसों को खाने वाली!!
मुझ पे जी महाभारत रचा
लिखी मुझ पे रामायण गीता!
मुझ पे ही अहिल्याबाई जन्मी
मुझ पे ही जन्मी थी सीता!!
संतों को सुख देने वाली!
राम भरत को जन्ने वाली!!
मैं धरती हूं!
विष को मै पीने वाली
टुकड़ों टुकड़ों में बटने वाली
मुझ पे ही लाखो वार हुवे
जाने कितने संहार हुवे!
मुझ से ही वो अफगानी
मुझ से ही वो पाकिस्तान हुए!!
मैं धरती हूं!
पहाड़ों को में रखने वाली!
गंगा को में बहाने वाली!!
मुझ पे ही भीम गदा
मुझ पे ही गांडीव चले!
मुझ से ही भारत बना
मुझ पे सब के शीश टिके!!
मैं धरती हूं!
पर्वत नदियों को रखने वाली!
औषधियों को जनने वाली !!
मुझ पे ही इतिहास रचा है
तलवारे रक्त में बोली थी!
देश धर्म पर मिटने वाले
आजाद इंकलाब की टोली थी!!
मैं धरती हूं!
मुझ पे ही शिवाजी जन्मे!
निकल पड़े रण मेे मरने !!
झुका नहीं वो बालक प्यारा
मुझ पे जन्मे थे हकीकत सच्चे
दीवारों में चिनवा दिए गए
मुझ पे उनमें थे फतेजिंह जोरावर बच्चे
मैं धरती हूं!
मुझ पे भाई भाई का प्रेम निराला
मुझ पे जन्मा बांसुरी वाला
मुझ पे गुरू कुलों पहचान बसी है!
मुझ पे ही देश की आन बसी है!!
मुझ पे ही सब के रूप निराले है!
मुझ ही वन्देमातरम गाने वाले है!!
मैं धरती हूं !