मां को घर छोड़ आया है
मां को घर छोड़ आया है
कोई बाप से मुंह मोड़ आया है !
कोई मां को घर छोड़ आया है !
कोई बहन से दूर अपनी,
राखी को भूल आया है,
यार जैसा एक भाई है मेरा,
कुछ पैसे कमाने निकला हूं घर से बाहर,
सब मित्रो का साथ छोड़ आया है !
भूल गया हूं गांव की सब गलियां,
अपने घर का बूढा याद आया है !
याद आई मां के हाथ से बनी चने की रोटी,
कोई बाप से मुंह मोड़ आया है !
कोई मां को घर छोड़ आया है ! !
दूर हूं बहुत गांव जाना चाहता हूं !
मैं फिर से मां को पाना चाहता हूं ! !
मैं चाहता हूं पुरानी खुशियां लौट आए !
जो कंगन झुमके गिरवी थे वो छुटा लाए !
मैं फिर से मां के आंचल में लिपट जाऊं !
तेरा बेटा आ गया कोई जाकर मां को बताएं ! !
मां की तस्वीर देखकर फिर बचपन याद आया है !
याद आया है वो पुराना घर पिता का !
कोई बाप से मुंह मोड़ आया है !
कोई मां को घर छोड़ आया है ! !
बचपन के दिन याद तो होंगे !
क्या एक दो साथी साथ तो होंगे ! !
मुझे याद है दादा की सब कहानी !
मुझे याद है वो बूढ़ी नानी ! !
सब किस्से पुराने हो गए !
रिश्ते नाती सब खो गए ! !
भीड़ भरी दुनिया में किस को अपना कहूं !
मां बिन में सब दुख को सहू ! !
कहूं किससे मुझे दुलार कर !
अकेला हूं मां मुझे प्यार कर ! !
बरसों बाद घर से एक खत आया है !
कोई बाप से मुंह मोड़ आया है !
कोई मां को घर छोड़ आया है !