चलता जा मुसाफिर
चलता जा मुसाफिर
आज हालात बदलें-बदलें से हैं।
हसीं हैं चेहरें पर...
और दिल में उदासी है।
मायूस मत होना
इस बिगड़े हालात पर।
मंजिल मिलेगी तुझे
बस...चलता जा मुसाफिर।
समय की इस धारा में
तुझको डूबना नहीं है।
माना की कश्ती है मझधार में
और,साहिल दूर है।
बस...मंजिल मिलेगी तुझे
चलता जा मुसाफिर।
ये तूफान,ये बाधा
कब तक तुझे रोकेंगे।
तू तो मुसाफिर है
और,तुझे चलते जाना है।
बस...मंजिल मिलेगी तुझे
चलता जा मुसाफिर।
पर देख कही
उम्मीद का सूरज डूब ना जाए।
और,वक्त की पुकार पर
तू अनसुना हो ना जाए।
हिम्मत रख और तू कर विश्वास
बस...मंजिल मिलेगी तुझे
चलता जा मुसाफिर।