यादें
यादें
जब कभी तन्हाई में होता हूँ
दिल में वेदना सी उठती है
यादों का सागर....
मानो,अपनी आगोश में लेता है
तब,मुश्किल होता है
यादों से पीछे छुड़ाना
बड़ा कठिन होता है फिर,
मन को समझाना
यादों के बारें में क्या लिखूं
यादें तो नीम की तरह
कड़वी होती है तो
मिठाई की तरह मीठी होती है
जिंदगी में तो हम
बहुत कुछ खोते,पाते हैं
फिर भी,यादें तो बस
यादें बनकर रह जाती हैं!