STORYMIRROR

मिली साहा

Abstract

4  

मिली साहा

Abstract

रिश्तों का मायाजाल

रिश्तों का मायाजाल

1 min
634


सुख में निभाते हैं साथ, दुख में समझते हैं हमारे जज्बात,

हमारी ज़िन्दगी में रिश्तो की अहमियत होती है बड़ी खास,

अपनों से लड़ते हैं वो, जो रिश्तो की कभी कद्र नहीं करते,

जिनके पास नहीं होते हैं अपने, वो अपनों के लिए तरसते।


अमूल्य ये जीवन मिला है हमें,तो हर परिस्थिति में है जीना,

रिश्तों का मायाजाल ये जीवन, कभी रोना, कभी है हंसना,

कौन अपना है, कौन पराया यहां, यह तो वक्त ही बताएगा,

जब तक सांसे,मुश्किल है रिश्तो के मायाजाल से निकलना।


ऐसे ही नहीं संवरते रिश्ते बड़ी नाज़ुक सी होती इसकी डोर,

प्यार और अपनेपन से सींचे जाते रिश्ते,न चलता इनमें ज़ोर,

छोटी- छोटी बातों को अनदेखा कर, कभी झुकना पड़ता है,

तो कभी अपनों के लिए रुख करना पड़ता,समझौते की ओर।


कभी आंसू, कभी खुशियां, कभी रूठना तो कभी मनाना है,

रिश्ते बनाना है आसान,मुश्किल तो हर रिश्ते को निभाना है,

रिश्ते वहीं ठहरते हैं जहां दिखे प्यार,विश्वास और अपनापन,

प्यार हो रिश्तो में तो जीवन का ये सफ़र यूं ही कट जाना है।


जन्म और मृत्यु ही सत्य, बाकी सब तो इस जग में माया है

रिश्तों के मायाजाल से, कौन खुद को यहां दूर कर पाया है,

रिश्ता है तो टकराव भी होगा, कभी दर्द, कभी आंसू बहेगा,

रिश्तों में अगर दर्द है तो खुशी भी तो रिश्तो में ही समाया है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract