नववर्ष का उदय हुआ है सूर्य
नववर्ष का उदय हुआ है सूर्य
बीत गया साल 2023, कुछ खट्टी कुछ मीठी यादों के साथ,
नववर्ष का उदय हुआ है सूर्य, नवचेतना नवउम्मीदों के साथ,
समेट लो दामन में, उदित सूर्य की स्वर्णिम इन किरणों को,
जो कह रही है नित प्रयास कर आगे बढ़, थामकर मेरा हाथ,
बिखरती तो ये किरणें भी हैं न फिर बिखरने से क्यों है डरना,
पहला कदम तो बढ़ाओ, इससे ख़ूबसूरत क्या होगा आगाज़,
जो बीत गई सो बात गई ये कहावत तो सब ने सुनी ही होगी,
फिर गुज़रे वक्त़ को याद कर, ज़िन्दगी से क्यों होना नाराज,
रास्ते बंद नहीं होते सभी कहीं न कहीं बाकी होती है उम्मीद,
कुछ छीना है गर ज़िंदगी ने तो ये ज़रूर देगी भी कुछ खास,
इंतजार करवाती है ज़िन्दगी इम्तिहान भी लेती है धैर्य रखो,
तपकर तो निखरता वही है जिसे जलाती है संघर्ष की आग,
तू भी खड़ा सोना है कुंदन बनकर चमकेगा एक दिन ज़रूर,
कोशिश तो कर खुद को सुनने की खुद पर रखकर विश्वास।