जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते! जब लोग बड़े तो होते हैं,पर बड़े नही होते!
भीड़ में भी तन्हा, रहने की कसम खा ली अपना होकर भी वो अनजान सी बनती है। भीड़ में भी तन्हा, रहने की कसम खा ली अपना होकर भी वो अनजान सी बनती है।
क्योंकि मैं औरत हूँ। क्योंकि मैं औरत हूँ।
मौका था पर ख़ुश होने की फुर्सत नहीं थी ख़ुशी तो अब अगली मंज़िल में थी। मौका था पर ख़ुश होने की फुर्सत नहीं थी ख़ुशी तो अब अगली मंज़िल में थी।
अनुभव ले लो जहाँ से भी मिलता है आगे जिंदगी में काम आएगा, अच्छी जिंदगी जीने में अनुभव ले लो जहाँ से भी मिलता है आगे जिंदगी में काम आएगा, अच्छी जिंदगी जीने में
ज़िंदगी कभी छोड़ देती है ऐसी दो-राहों में ... ज़िंदगी कभी छोड़ देती है ऐसी दो-राहों में ...