कवयित्री,लेखिका,विद्यावाचस्पति से सम्मानित।
पास खड़ी बुलबुल की आँखों में नए सपनों की उड़ान भरती वो मुस्कराहट मुझे मिले किसी प्रसाद से पास खड़ी बुलबुल की आँखों में नए सपनों की उड़ान भरती वो मुस्कराहट मुझे मिले किसी प्...
तो क्या हुआ, जब हम उस घर में रहते थे तब मैंने ही तो वो पेड़ लगाया था। तो क्या हुआ, जब हम उस घर में रहते थे तब मैंने ही तो वो पेड़ लगाया था।
भूपेन स्तब्ध हुआ कभी शिविर को और कभी बाढ़ पीड़ितों को निहार रहा था। भूपेन स्तब्ध हुआ कभी शिविर को और कभी बाढ़ पीड़ितों को निहार रहा था।
खुली डायरी के उस पन्ने पर मेरी नजरें अनायास ही चली गयी जिस पर लिखे इन शब्दों ने मुझे सही मायने में स... खुली डायरी के उस पन्ने पर मेरी नजरें अनायास ही चली गयी जिस पर लिखे इन शब्दों ने ...
जिंदगी, सही विचारधारा से अनमोल हो सकती है और गलत सोच से रद्दी कबाड़, जिसकी जरूरत किसी को नहीं होती है... जिंदगी, सही विचारधारा से अनमोल हो सकती है और गलत सोच से रद्दी कबाड़, जिसकी जरूरत ...