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हिन्दी तो हमारी मातृभाषा है फिर हम मां को एक दिन क्यों याद करते हैं, रोज़ क्यों नहीं हिन्दी तो हमारी मातृभाषा है फिर हम मां को एक दिन क्यों याद करते हैं, रोज़ क्यों ...
हमने भी खूब तीखा गोला बना दिया सोचा भाई एक-दो चुस्की लेकर छोड़ देंगे। हमने भी खूब तीखा गोला बना दिया सोचा भाई एक-दो चुस्की लेकर छोड़ देंगे।
भाई कल हम लोग जल्दी आ जाएंगी, आप भी तैयार रहना, क्योंकि कल हम रूक नहीं सकती, भाई कल हम लोग जल्दी आ जाएंगी, आप भी तैयार रहना, क्योंकि कल हम रूक नहीं सकती,
नीतू अपने इस बेनाम रिश्ते से बँधी , बिन फेरों की बिन ब्याही दूल्हन की तरह अपनी ज़िन्दगी नीतू अपने इस बेनाम रिश्ते से बँधी , बिन फेरों की बिन ब्याही दूल्हन की तरह अपनी ज...
क्यों ना हो रूप-रंग भी तो किसी रानी से कम थोड़े ही था। क्यों ना हो रूप-रंग भी तो किसी रानी से कम थोड़े ही था।
लड़की वालों को जब जूते कहीं नहीं मिले तो उन्होंने तरकीब निकाली। लड़की वालों को जब जूते कहीं नहीं मिले तो उन्होंने तरकीब निकाली।
मैंने भी तुमसे प्यार किया है रोहित, लेकिन अब मैं शादीशुदा हूं, वचनों और मर्यादा से बंधी मैंने भी तुमसे प्यार किया है रोहित, लेकिन अब मैं शादीशुदा हूं, वचनों और मर्यादा ...
34 की हो गई मगर अभी तक कहीं रिश्ता तय नहीं हो रहा था। 34 की हो गई मगर अभी तक कहीं रिश्ता तय नहीं हो रहा था।
अपनी पारिवारिक शक्ति से अपने जिगर के टुकड़े को ड्रग्स की गर्त में जाने से वापस ले आया। अपनी पारिवारिक शक्ति से अपने जिगर के टुकड़े को ड्रग्स की गर्त में जाने से वापस ल...
आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां। आस्था का बढ़ा हुआ पेट कह रहा है त्रिकोणीय प्रेम की दास्तां।