STORYMIRROR

मिली साहा

Abstract

4.0  

मिली साहा

Abstract

तुझसे ही खुशियांँ हर पल

तुझसे ही खुशियांँ हर पल

1 min
214


मेरे जीवन का मधुर संगीत हो,

खुशियों में गुनगुनाता गीत हो,

मातृत्व का एहसास पाया तुमसे,

तुम मेरा साया, मेरा सच्चा मीत हो,

मेरी बिटिया तुम मेरे आंगन की चहल-पहल,

तुमसे रौनक, तुम हो जीवन का खिलता कमल,

महकती है मेरी ये दुनिया तेरी ही अठखेलियों से,

तू मेरे होंठों की मुस्कान तुझसे ही खुशियाँ हर पल,

तुझे पाकर मेरी हर मन्नत हो गई पूरी,

एक पल भी मुझे गवारा नहीं तुझसे दूरी,

मेरे हर गम की दवा, मेरी दुआ है तू बिटिया,

तुझसे ही तो ममता मेरी, तुझसे ही ये दुनिया सारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract