पिता का होना
पिता का होना


हर घर में पिता का होना,
केवल खास ही नहीं,
परिवार की मजबूती का अहसास है।
कि कोई भी अकेला नहीं है,
उनका सम्बल हर वक्त उनके साथ है।।
माता के चेहरे का नूर,
बच्चों के मुख मण्डल की ख़ुशी।
दादा -दादी के मन का सुकून,
चाचा, बुआ की मनी पॉलिसी।।
कितने लोगों को जाने -अनजाने,
मुस्कान देता किरदार है,
एक पुरुष का पिता होना ------
जिम्मेदारी की परिभाषा,
जिसकी छाँव तले फलता -फूलता हो बचपन।
खुद कितने ही मुफलिसी में हो,
दुनिया की सुख -सुविधाओं में,
रहता हो बचपन।।
फटी हुई शर्ट, घिसी हुई चप्पल से झाँकती हो मज़बूरी,
ब्रांडेड कपड़ो में लिपटा रहता हो बचपन।
अपना जीवन टिफिन के डब्बो में समेटे,
निकल जाते है काम पर,
ताकि खुशहाल रहे उनके बच्चों का बचपन।।
ऐसे ही नहीं दी जाती है पुरुष को पिता की उपमा,
त्याग और समर्पण का दूसरा नाम है पिता होना
दिनभर हड़तोड़ मेहनत कर,
शाम को अपने परिवार की मुस्कुराहट देख,
थकान उतार लेना|
बच्चों के अजीबो -ग़रीब सवालों का,
सुकून से जवाब देना।।
जेब में मिली हुई तनख
्वाह का मन ही मन हिसाब करते हुए,
खुद की जरूरतों को नज़र -अंदाज करना।
घर खर्च की गिनती करते -करते,
बच्चों की मासूम फरमाइश को
पूरा करने के लिए हामी भरना।।
आकाश से भी विशाल ह्रदय का होना है,
एक पिता का होना।
ओवर टाइम करते हुए,
भले ही खुद कितनी भी देर से सोये।
समय पर जागकर,
बच्चों को जगाकर,
स्कूल के लिए लेकर जाना।
सही -गलत की शिक्षा देना।।
पढ़ाई -खेलकूद के लिए,
उपयुक्त वातावरण देना।
डांटकर, ऊँची आवाज़ में बोलकर,
समझाकार, अनुशासन का पाठ पढ़ाना।।
नारियल की तरह का किरदार होता है,
एक पिता का होना ---------
माँ के पैरों में जन्नत है,
तो पिता उस जन्नत के नूर है।
माँ अगर भगवान का ही दूसरा रूप है।
तो पिता उस परमात्मा का आशीर्वाद है।।
माँ के हाथों के खाने गर जादू है,
तो पिता से ही वह जादू असरदार है।
माँ घर की रौनक, मर्यादा और संस्कार है,
तो पिता व्यवस्था और व्यवहार है।।
माँ शक्ति स्वरूपा,
शिव का स्वरूप पिता,
सृष्टि के संचालन में अहम् भूमिका है,
एक पिता का होना -----------