Dinesh Dubey

Abstract

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Dinesh Dubey

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गुलाब

गुलाब

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मत छेड़ो उस गुलाब को ,

कांटो से भरा रहता है वो,

गुल से भरा रहता गुलाब ,

कांटो में बना है सरताज।


फूलों का राजा कहलाता है ,

बिन उसके ना प्रेम हो पाता है,

हर जगह है उसका बोलबाला,

जन्म से लेकर मृत्यु चढ़ता है ।


हर शख्स को है ये भाता,

नया सबक भी सिखलाता,

प्यार से जो ना छुए उसको,

कांटो से दंड दिलवाता ,।



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