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महादेव की लीला ही थी कि उनमें और अर्जुन में युद्ध छिड़ गया। महादेव की लीला ही थी कि उनमें और अर्जुन में युद्ध छिड़ गया।
माता-पिता की सेवा होने के बाद पुंडलिक महाराज भगवान कृष्ण के सामने गया माता-पिता की सेवा होने के बाद पुंडलिक महाराज भगवान कृष्ण के सामने गया
यह देख सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?” यह देख सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?”
अगर दुर्योधन युद्ध जीतता है तो तुम्हें श्रेय मिलेगा अगर दुर्योधन युद्ध जीतता है तो तुम्हें श्रेय मिलेगा
उनके मन से सभी अर्थ अनर्थ बाहर निकल चुके थे। उनके मन से सभी अर्थ अनर्थ बाहर निकल चुके थे।
अब तो हिरण्यकशिपु स्वयं अपने उस नन्हे पुत्र से चित्त में भय खाने लगा था। अब तो हिरण्यकशिपु स्वयं अपने उस नन्हे पुत्र से चित्त में भय खाने लगा था।
आप चाहें तो वहां रात को रुक सकते हैं, लेकिन सुबह होते ही आपको चले जाना होगा। आप चाहें तो वहां रात को रुक सकते हैं, लेकिन सुबह होते ही आपको चले जाना होगा।
न्यायधीश की अदालत भीड़ से खचा-खच भरी हुयी थी न्यायधीश की अदालत भीड़ से खचा-खच भरी हुयी थी
इसलिए वाणी पर हमारा नियंत्रण होना चाहिए, ताकि हम शब्दों के दास न बने इसलिए वाणी पर हमारा नियंत्रण होना चाहिए, ताकि हम शब्दों के दास न बने
अरे इसका क्या करना है। कितना गंदा पात्र है। इसे कुत्ते को भोजन देने के लिए निकाल लो। अरे इसका क्या करना है। कितना गंदा पात्र है। इसे कुत्ते को भोजन देने के लिए निकाल...