STORYMIRROR

Sanjay Jain

Abstract

5.0  

Sanjay Jain

Abstract

अमीरजादे

अमीरजादे

1 min
461


किया नहीं जीवन भर कोई काम।

सोता रहा सुबह हो या शाम।

न कि कभी भी किसी की चिंता।

इसलिए कहलाये आलसी राम।।


किये थे पूर्व जन्म में

अच्छे कर्म

तो मिल गया बड़े घर में  जन्म।

इसलिए नहीं करते कोई कामधाम

फिर भी किये जा रहे है

बापदादा की कामाई पर ऐश


 कुछ भी नहीं है पता

 कैसे कमाया पूर्वजो ने पैसा

तभी तो बिना सोचे,  

 समझे लुटाये जा रहे है

और अपनी न समझी को दिखा रहे है

और

अपने को शहजादा  

 कहलवा रहे हो

 

घर में कहाँ से आ रहा पैसा

जिस पर ऐश कर रहे हो

अपनी नाकामियों को दिखा रहे हो

और अपने बाप दादाओ की

संपत्ति लूटा रहे हो

और झूठी शान सौकत में जीये जा रहे हो


समय के साथ इतिहास भी

जीवन की तरह बदलता है

राजा को रंग और फ़क़ीर को

करोड़पति बना देता है

ये सब अपने अपने नसीब और

अच्छे कर्मों से होता है

तभी तो लोग ईश्वर में आस्था

इस कलयुग में भी रखते है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract