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Sanjay Jain

Romance

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Sanjay Jain

Romance

परवान चढ़ जाये

परवान चढ़ जाये

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न दिल में गम है,न ही गिले और शिकवे

जब साथ हो तेरा,तो क्या गम और शिकवे ।

इसलिए तो दिल से,तुम्हें चाहते है हम

मेरी धड़कनों में अब,तुम ही तुम बसते हो

क्या तेरा है पैमाना, मुझे आंक ने का

तेरे मूल्यांकन से मुझे,पता चल जायेगा।

कितनी पारदर्शी हो तुम,समझ आयेगा अंको से

की कितना तुम हमें,अबतक जान पाये हो

माना कि मन सभी का, बहुत चंचल होता है

जो दिलकी धड़कनों को,जल्दी पढ़ नहीं पाता।

और बिना समझे ही वो,मोहब्बत करने लगता है।

और अपनी जिंदगी को बर्बाद कर लेते है।।

मोहब्बत करने वाले को,संजय देता है दुआ।

की सफल हो जाओ,अपनी अपनी मोहब्बत में।

और कर जाओ ऐसा की,मोहब्बत परवान चढ़ जाएं।

और इतिहास के पन्नो में,नाम तुम्हारा भी लिखा जाए।।


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