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Sanjay Jain

Romance

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Sanjay Jain

Romance

दिलों का मिलन

दिलों का मिलन

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चिराग ए दिल में जलाओगे तो प्रेम बरसेगा

दिल में निश्चित ही प्यार का उदय होगा

जो प्रेम को इबादत और साधना समझते हैं

वो ही मोहब्बत के रस को पी पाते है।।


दिल-ए नादान जो होते हैं प्यार वो कर नहीं पाते।

क्योंकि प्यार करना इतना आसान नहीं होता।

ये तो वो तपस्या और साधना होती है।

जो दिलों के मिलन से ही जन्म लेती है।।


आजकल तो मोहब्बत को प्रेम वासना से देखते हैं

जिस्म की प्यास बुझानेके लिए मोहब्बत करते हैं

पर रब ने भी ऐसा सबक सिखाया उनको।

और जीवन अधूरा बनाया उनका है।।


प्यार को प्यार से जीतोगे तो प्यार तुम पाओगे

पूणिमा के चांद की तरह से तुम दोनों खिल जाओगे।

और प्रेमरस को तुम हमेशा पी पाओगे

और गुलाब की तरह तुम महक जाओगे

और स्नेह प्यार को जीवन भर पाओगे।।


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