STORYMIRROR

मिली साहा

Abstract Inspirational

5  

मिली साहा

Abstract Inspirational

हिंदी हमारी पहचान है

हिंदी हमारी पहचान है

2 mins
705

संस्कृत से उद्गम हुई हिंदी, है देवनागरी इसकी लिपी,

भाषाओं की है जननी ये, सबको साथ लेकर चलती,


अपनत्व का बोध कराती हिंदी है जन-जन की भाषा,

साहित्य की गरिमा यही, संस्कार हमने इसी से सीखा,


अधूरा हिंदुस्तान इसके बिना संपूर्ण राष्ट्र की ये जान,

विश्व भाषा बनने के गुण सारे, इस भाषा में विद्यमान,


संस्कृति की संरक्षक हिंदी, हमें आदर्शों से मिलवाती,

जीवन मूल्यों की परिचायक ये, एकता हमें सिखाती,


सरल है यह भाषा कोमल है, सहज समझ में आती,

प्रेम भाव से यहां मिलकर रहना, हिंदी हमें सिखाती,


हर भाषा का अपना महत्व, पर हिंदी बड़ी निराली,

निःसंकोच अन्य भाषाओं के शब्द ग्रहण करने वाली,


व्यवहार सिखाती हिंदी है हमारी वास्तविक पहचान,

प्रारंभिक शिक्षा का आगाज़ हिंदी, यही हमारी शान,


हिंदी झलकती है वेशभूषा में रहन-सहन स्वभाव में,

हिंदी बताती कितना प्रेम छिपा, माँ शब्द के भाव में,


नहीं कहती हिंदी कभी, छोड़ दो अंग्रेजी का साथ,

पर हिंदी तो हमारा मूल है, थामें रखो इसका हाथ,


सदियों से चली आ रही परंपरा की, महक है हिंदी,

सुस्वागतम, सुप्रभात में अपनेपन की चहक है हिंदी 


कितने ही महान लेखकों कवियों की ताकत है हिंदी,

हमारी अनुपम धरोहर है ये, हमारी विरासत है हिंदी,


तो अपनी ही विरासत का बखान करने में शर्म कैसी,

भविष्य की आशा है ये, कोई भाषा नहीं इसके जैसी,


कितने वक्ता लूटते हैं वाह वाहियाँ, हिंदी कविता पर,

शान से हम बजाते तालियाँ उनकी वाणी सरिता पर,


बॉलीवुड की आत्मा है हिंदी, गीतों की यही है शान,

हिंदी डायलॉग्स बने, कितने कलाकारों की पहचान,


कुछ तो खास ऐसे ही नहीं मिला राष्ट्रभाषा का दर्जा,

राष्ट्रगान भी हमारा हिंदी है, फिर हिंदी से कैसा पर्दा,


हिंदी साहित्य ने विश्व भर में स्वर्णिम इतिहास रचाया,

भावनाएँ व्यक्त करने का सरल तरीका हिंदी में पाया,


समाचार पत्र से लेकर ब्लॉग तक में, हिंदी का चलन,

वैश्विक स्तर पर बना रही पहचान हिंदी बनकर सुमन,


विदेशी भी सीखने को ये भाषा, लाखों कर रहे खर्च,

हिंदी का सर्वदा उत्थान करना हमारा भी तो है फ़र्ज़,


हिंदी गाने सुनते बड़े चाव से, हिंदी फिल्में भी देखते,

फिर क्यों हिंदी भाषा को अपनाने में, हम हैं घबराते,


वर्णमाला, स्वर, व्यंजन का रूप इसमें है व्यवस्थित,

वर्ण का जैसा कथित रूप, वैसा ही होता है लिखित,


दिन प्रतिदिन, हिंदी शब्दकोश का हो रहा है विस्तार,

सोशल मीडिया में भी रंग दिखा रहा हिंदी का संसार,


हिंदी का सम्मान हमारा स्वयं का देश का है सम्मान,

हिंदी सभी धर्मों को जोड़ने का सहज करती है काम,


हीनता नहीं हिंदी को अपनाना गौरव की यह बात है,

हिंदी से ही विरासत में मिली, संस्कारों की सौगात है,


हमारी आपकी भाषा यह, पूर्ण गर्व से इसे अपनाओ,

एकता, संस्कार, व्यवहार इसी से, संगी इसे बनाओ,


स्वाभिमान है हिंदी हमारा, हिंदी बिना क्या पहचान,

केवल हिंदी दिवस ही क्यों, प्रत्येक दिन करो सम्मान,


पूर्ण दिल से हिंदी को अपनाने का जब बनेगा मंतव्य,

तभी तो समझेंगे, हिंदी का विस्तार, है हमारा कर्तव्य,


आने वाली पीढ़ी के लिए, हिंदी को संजोए रखना है,

हर भाषा का ज्ञान ज़रूरी पर हिंदी को नहीं खोना है।



ഈ കണ്ടെൻറ്റിനെ റേറ്റ് ചെയ്യുക
ലോഗിൻ

Similar hindi poem from Abstract