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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

बीड़ी मजदूर का बेटा कलेक्टर(लक्ष्मी की कहानी)

बीड़ी मजदूर का बेटा कलेक्टर(लक्ष्मी की कहानी)

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जरूरी नहीं है ममता महलों या धनवानों में ही पाई जाती है ।मां की ममता का कोई मोल नहीं। गरीब की झोंपड़ी से ले जंगल के पशु-पक्षी में भी ममता की मिसालें समय-समय दिख जाती है । मां की ममता अपने बच्चे के जीवन को क्या से क्या बना दे ये वे पारस जो लोहे को सोना बना दे । ये लक्ष्मी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई तो नहीं पर हौसलों में किसी से कम नहीं ।


करीमनगर से 12 किलोमीटर दूर वेलिचला गांव के रहने वाले नंदला साईकिरन, जिन्होंने यूपीएससी सीएसई 2023 में 27वीं रैंक हासिल की थी ,इसमें उनकी मां का योगदान भी कम नहीं है। क्योंकि उन्होंने कुछ साल पहले अपने पिता की मृत्यु के बाद अत्यधिक गरीबी में पढ़ाई की ।

तेलंगाना की महिला बीड़ी मजदूर के बेटे ने यूपीएससी सीएसई 2023 उत्तीर्ण किया ये खबर देश के नामचीन अखबारों में छपी।


हमारी लक्ष्मी का बेटा कलेक्टर है

हमारी लक्ष्मी का बेटा कलेक्टर है

गरीबी की जंजीर में लक्ष्मी जकड़ी

अपने सपने संजोए कैसी तनी खड़ी


पिता का साया सर से था उठ गया

फिर भी हिम्मत हौसले तोड़ न पाया

माँ की मेहनत और संकल्प से ये पाई

साईकिरन ने सोती क़िस्मत है जगाई


तेलंगाना वेलिचला की धरा मदमाती

गर्व से ये लक्ष्मी को देख-देख हर्षाती 

जब सुना गांववालों ने है बाजी मारी

बुलंद हौसलों पर किस्मत भी है वारी


उपलब्धियों की राह थी कठिन जरूर

पर लक्ष्मी ने हार ना मानी कैसा सुरूर

अथक परिश्रम और संघर्ष की कहानी

लक्ष्मी तेरी मेहनत रंग लायी ऐ दीवानी


हर दिल में गर्व सम्मान का चमत्कार है

हमारी लक्ष्मी का बेटा जिले सुबेदार है

हर नयन उमगी खुशी के आँसू मल्हार है

गूंजती चारों ओर माँ की जय-जयकार है


माँ के आंचल की ताकत से है पद पाया

साईकिरन ने एक नया इतिहास रचाया

संघर्ष और स्नेह ने, उसे आईएएस बनाया

आसमानी नक्षत्री तारा ये कैसे चमकाया


काले अंधेरों से जूझकर जो निकला है

नंदला साईकिरन दीपक ज्योति जला है

गरीबी की गलियों में था बचपन बिताया

हर कदम साहस का दीप धैर्य से जलाया


पिता के साये की छांव से वे वंचित था

मां के आंसुओं के हौसलों से सिंचित था

बीड़ी के धुएं के बीच जिसने सपने बुने

मां की मेहनत से जिसने आसमान छुए


पग-पग में विपत्ति, फिर भी रुके नहीं

संघर्षी आंधियों में जो कभी झुके नहीं

ज्ञान को जिसने अपना अस्त्र ये बनाया

हर मुश्किल को जिसने हंसकर भगाया


साईकिरन फिर तुमने साबित है किया 

मां के परिश्रम ,धैर्य को सार्थक किया

हौसले की उड़ान को मां लक्ष्मी सलाम

तेरी मां के संघर्ष को करें सभी प्रणाम


साईकिरन की कहानी हमें यह सिखाती

हर रात के बाद एक सुबह जरूर आती

विश्वास से चलते रहना, तुम रुकना नहीं

जीत उसी की है जो कभी झुकता नहीं



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