वर्ष 2025
वर्ष 2025
नये सवेरे की होती, नई कहानी,
हर उम्मीद की दिल को रवानी।
द्वार खड़ा है नया 2025 साल,
संघर्ष के बाद जीवन खुशहाल।
हर बूँद में आशा का भरे दरिया,
हर श्वास में जीवन का जरिया।
खुद से वादा, खुद से ये प्रार्थना,
हर कदम पर हो नई जगसाधना।
बीते पल कुछ जो दुख-दर्द दे गए,
2025 के सूरज से धीरे ढल गए।
अब केवल रोशनी की करते बात,
सपनों की उड़ान, हौसली जज्बात
आओ करें नए सपनों का आगाज़,
हर दिल में हो दिली विश्वासी राज।
हर मुस्कान सजे नव किरणआभा,
2025 प्रेम और सृजन की शोभा
धरा को हरित हरियाली से सजाएँ,
हर दिल में भाईचारा भाव जगाएँ।
समर्पण, सहयोग,और एकप्रयास,
बनाएँ इसे उम्मीदी नया इतिहास।
तो बढ़ें मिलकर थामें हाथों में हाथ,
2025 का स्वागत खुशियों साथ।
नये कल के लिए, है नयी पहचान,
ग्रेगेरियन कैलेंडर का ये अरमान।
