कात्यायिनी माँ षष्टम दिवस
कात्यायिनी माँ षष्टम दिवस
माँ भवानी महिषासुर मर्दन कर आज आई हैं ,
सब मिलकर उनके दिव्य रूप दर्शन कर लो !
हरा रंग अति प्रिय है कात्यायिनी माता को,
भक्तजनों आज हरित वस्त्र धारण कर लो !
माँ अम्बे महिषासुर मर्दन कर आज आई हैं ,
सब मिलकर उनके दिव्य रूप दर्शन कर लो !
षष्टम रूप में मैया ऐसा अलख जगाती है,
मन के कोने में छिपे भय को दूर भगाती है !
यह शुभ अवसर भयमुक्त होने का आया है ,
शक्ति का आह्वान कर निर्भय मन कर लो !
सहज साधना से साधक मनवांछित पाते हैं ,
करके सिद्धि साधना का तुम जतन कर लो !
माँ अधिष्ठठात्री का रूप धरती है विलक्षण ,
इस रूप को भी आँख मुंदकर नमन कर लो !
सारी शक्तियाँ हैं तुममें माँ ये समझाने आयी है,
संशय सारे दूर हटाकर अपना मन मगन कर लो !
जन का कष्ट हरने चमत्कार की बूटी लायी है ,
मधु का प्रसाद चढ़ाओ और सब ग्रहण कर लो !
प्रतिवर्ष मैया नौ दिनों को अपने नैहर आती है ,
अपनी पूजा उपासना से माँ का भजन कीर्तन कर लो!