बीत गयी जो घड़िया
बीत गयी जो घड़िया
बीत गयी जो घड़िया, अब वो तुमसे
रूबरू हो नही सकता !
तलाश ना करो ज़माने में, उसकी अब
वो कह नहीं सकता !
ना कर ख्वाबों से उनके, मिलने की
ख्वाहिशें कभी "हार्दिक",
बनता बिखरता हर पल, उनका उनसे
हूबहू हो नहीं सकता !
