न कर पाने का सिर्फ़ बहाना चाहिये। न कर पाने का सिर्फ़ बहाना चाहिये।
मुरझा गए है फूल हर एक डाली के नई कली अब यहाँ कोई खिलेगी नहीं मुरझा गए है फूल हर एक डाली के नई कली अब यहाँ कोई खिलेगी नहीं
जिसे छद्म दंगा कराकर बचाया उसे घाघ नेता भुनाने लगे हैं जिसे छद्म दंगा कराकर बचाया उसे घाघ नेता भुनाने लगे हैं
सोचती हूँ क्यों आदमी दिशाहीन हुआ जा रहा है। सोचती हूँ क्यों आदमी दिशाहीन हुआ जा रहा है।
तुम्हारे अंतस ताप के इंतजार में ठिठुर रहा है न जाने कब से। तुम्हारे अंतस ताप के इंतजार में ठिठुर रहा है न जाने कब से।
बोझ अपने आप का मत डाल कहारों पे क्यों भार बना है धरती पे औरों के इशारे पे। बोझ अपने आप का मत डाल कहारों पे क्यों भार बना है धरती पे औरों के इशारे पे।