बोझ अपने आप का मत डाल कहारों पे क्यों भार बना है धरती पे औरों के इशारे पे। बोझ अपने आप का मत डाल कहारों पे क्यों भार बना है धरती पे औरों के इशारे पे।
कामयाबी तो बस एक के हिस्से आनी थी। कामयाबी तो बस एक के हिस्से आनी थी।
आरज़ू क्या ये कम नहीं है एहसास की उन्हें एहसास नहीं है हम भले कैसे भी है अब उन्हें परवाह नही... आरज़ू क्या ये कम नहीं है एहसास की उन्हें एहसास नहीं है हम भले कैसे भी है ...