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Harshad Molishree

Romance

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Harshad Molishree

Romance

एहसास

एहसास

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एहसास के हम गलत है

एहसास कि हम नाकामयाब है

एहसास उनका कि वो लाजवाब है

पर हम तो खुली किताब है।


एहसास नहीं के कभी उन्हें पढ़ ना पाए

एहसास नहीं के गिर के संभल ना पाए

एहसास नहीं के बिछड़के मिल ना पाए

मगर हम तो अब भी उनके दिलदार है।


एहसास के वो शानदार है

एहसास के वो हमारे राहगार है

एहसास कि हमें उनकी तलाश है

एहसास कि वो अब इस राह से अनजान है

मगर शायद वो अब भी

उस बुझी हुई लौ को संभाले है।


एहसास की हम अब वो नहीं है

एहसास की जो साँस चलती थी

सिर्फ उनके लिए अब नहीं है

एहसास की घुटन में दब गई,


आरज़ू क्या ये कम नहीं है

एहसास की उन्हें एहसास नहीं है

हम भले कैसे भी है

अब उन्हें परवाह नहीं है।


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