अकेला
अकेला
लक्ष्य उद्देश्य और दृढ़ निश्चय
ले अकेला चल पड़ा यहाँ जो
सच्चे कर्मशील को स्वयं के
साथ कब सारा ज़माना चाहिए।
क़तार ख़ुद बन जाती है पीछे
सच्चाई ईमानदारी परिश्रम
संयम और स्वयं पर विश्वास
इतना तो करना आना चाहिए।
परजीवी दूसरों के सहारे जिए
जो सदा दोष दूसरों के बताते रहे
ऐसे अकर्मण्य आलसियों को कुछ
न कर पाने का सिर्फ़ बहाना चाहिये।