आओ पृथ्वी बचाएं
आओ पृथ्वी बचाएं
आओ पृथ्वी को बचाएं
रंग बिरंगे फूलों से हम,
इसे सजाएंगे,
हरे पेड़ पौधे हम इसमें,
खूब लगाएंगे।
पानी इस धरती का अमृत,
होता है, इसकी इक- इक बूंद आओ,
बचाएंगे।
हमने जो भी कष्ट उठा कर,
सीखा है, भावी पीढ़ी को भी हम,
समझाएंगे।
हुई हवाऐं ज़हरीली,
इस भूमि पर, इसको स्वच्छ करेंगे,
राज़ बताएंगे। प्यासी पृथ्वी मांग रही है,
अब पानी, मिलकर इसकी
सारी प्यास, बुझाएगें।
