STORYMIRROR

Rachna Suneel

Inspirational

3  

Rachna Suneel

Inspirational

चलो मज़दूर बने हम..!

चलो मज़दूर बने हम..!

1 min
176

बहुत रहे मजबूर

चलो मज़दूर बने हम..!

नित नित कितने देव गढ़ूं

देवालयों का निर्माण करूँ

इन धूल धूसरित करों से 

इस जग को स्वर्ग बनाता हूँ...!


कभी ब्रह्मा सा निर्माण करूँ 

कभी विष्णु सा पालक बन जाऊँ

कहीं शिव बन कर विघटन करूँ

अपने श्रम से सृष्टि का उद्धार कराता हूँ...!

बहुत रहे मजबूर

चलो मज़दूर बने हम..!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational