I'm Rachna and I love to read StoryMirror contents.
हिलोरें खा रहा हो मन, कह देना कि होली है हिलोरें खा रहा हो मन, कह देना कि होली है
प्रेम प्राकृतिक है सहज है जैसे आकार में निराकार स्वाभाविक अभ्यास है प्रेम प्राकृतिक है सहज है जैसे आकार में निराकार स्वाभाविक अभ्यास है
तुम नाराज़ हो मुझसे खुद से संसार से मुझे तो इन सब में प्रेम ही प्रेम दिखता तुम नाराज़ हो मुझसे खुद से संसार से मुझे तो इन सब में प्रेम ही प्रेम दिखता
कभी हुई तार-तार एहसासों से हार-हार, व्यर्थ शब्दों की अंतहीन कतार हुई जिंदगी... कभी हुई तार-तार एहसासों से हार-हार, व्यर्थ शब्दों की अंतहीन कतार हुई जिंदगी...
इन धूल धूसरित करों से इस जग को स्वर्ग बनाता हूँ...! इन धूल धूसरित करों से इस जग को स्वर्ग बनाता हूँ...!
न कर पाने का सिर्फ़ बहाना चाहिये। न कर पाने का सिर्फ़ बहाना चाहिये।
Noneजिंदगी में, अपनों के लिए अपने सपनों को देखा ही नहीं क्या इसकी कोई ख़ुशी नहीं होती और ... Noneजिंदगी में, अपनों के लिए अपने सपनों को देखा ही नहीं क्या इसकी कोई ख़ु...