Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Usha Gupta

Inspirational

5.0  

Usha Gupta

Inspirational

स्वतंत्रता ?????

स्वतंत्रता ?????

3 mins
550



मना रहे हम स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से,

हुई भारत मां और उनकी संतानें आज़ाद अंग्रेजों से,

परन्तु क्या हैं स्वतंत्रता हमारी सही मायने में?

जकड़े हैं हम जातिवाद की ज़ंजीरों में,

फँसे हुयें हैं हम पृथक-पृथक धर्मों के चक्रव्यूह में,

कहाँ हो मतवाले आज़ादी के, उठो करो स्वतंत्र हमें,

तोड़  ज़ंजीरें जातिवाद की लेने दो श्वास खुली हवा में,

धर्मों के चक्रव्यूह में फँस ना मर जायें हम अभिमन्यु की भाँति 

है कोई अर्जुन जो समय पर पहुँच निकाल लें हमें इस चक्रव्यूह से?


पुत्र मोह में पड़कर पुत्री की गर्भ में ही हत्या करने वाले,

क्या हैं जनरल डायर से कम क्रूर? उठो आज के उद्यम सिंह,

दिला दो आज़ादी ऐसी क्रूरता से भारत माँ की धरती को।

नारी को समझ वस्तु भोग की कर अपमान सड़कों पर,

रावण की भाँति समझ रहे अतिबलवान अपने को,

है यह कैसी आज़ादी जहां डर-डर कर ले रही साँस नारी,

चले गये कहाँ बांध कफन सिर पर घूमा करते थे 

जो हिन्द के जवान लिये जनून हृदय में स्वतंत्रता का?

आओ करो आज़ाद आज समाज को ऐसी मानसिकता से,

लगा रही गुहार चीख-चीख कर हर नारी भारत की।


उम्र में पढ़ने की बच्चे लगा दिये जाते हैं मज़दूरी पर,

बना लिये जाते हैं बंधक आज़ाद भारत की भूमि पर।

हृदय हो गये पाषाण के, भावुकता भी हो गई है शायद बंधक,

मूक और बधिर हो गई है जनता आज के आज़ाद हिन्द में,

देख रहे होते अत्याचार बांध पट्टी आँखों पर गांधारी की भाँति ।


है आवश्यकता फिर स्वतंत्रता सेनानियों की जो बांध कफ़न सिर पे,

बजा दें बिगुल लड़ाई का समाजिक बुराइयों के विरूद्ध, 

नारी पर अत्याचार के विरूद्ध, सड़ी गली रिती रिवाजों के विरूद्ध,

नन्हें बच्चों पर अत्याचार के विरूद्ध,  भूर्ण हत्या के विरूद्ध,

धर्म और जातिवाद के नाम पर होने वाले अत्याचारों के विरूद्ध,

और भी न जाने कितने ही प्रकार के सभी अत्याचारों के विरूद्ध।

आओ सब मिल उठायें बीड़ा आज़ादी के इस युद्ध का,

जीत कर मिले स्वतंत्रता जब इन बेड़ियों से तभी होंगे हम,

आज़ाद सही मायनों में और फिर से  मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational