दूसरे ही पल नई चुनौती के साथ खड़ी मैं तुम्हें पाती दूसरे ही पल नई चुनौती के साथ खड़ी मैं तुम्हें पाती
आदि से अंत तक पहेली रही औरत की ज़िंदगी, पली कहीं सजी कहीं, बे आवाज़, बे ज़ुबान आदि से अंत तक पहेली रही औरत की ज़िंदगी, पली कहीं सजी कहीं, बे आवाज़, बे ज़ुबा...
शब्दों के इस चक्रव्यूह से खुद को तुमने जो बचा लिया समझो पाई जय जग में तुमने मन अपना नाम कमा... शब्दों के इस चक्रव्यूह से खुद को तुमने जो बचा लिया समझो पाई जय जग में तुमन...
जन्म मिला है चक्रव्यूह में और ताउम्र उसी को है भेदना। जन्म मिला है चक्रव्यूह में और ताउम्र उसी को है भेदना।
घिरा हूँ आज कुछ ऐसे चक्रव्यूह में फंसा अभिमन्यु हो जैसे। घिरा हूँ आज कुछ ऐसे चक्रव्यूह में फंसा अभिमन्यु हो जैसे।
चक्रव्यूह से बाहर आने का मार्ग स्वयं ही खोजना होगा। चक्रव्यूह से बाहर आने का मार्ग स्वयं ही खोजना होगा।