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नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

Classics

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नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

Classics

अपना अपना चक्रव्यूह

अपना अपना चक्रव्यूह

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बहुत आसान होता है,

अन्यत्र दोष मढ़ देना

और आगे बढ़ जाना।


सामना ही ना करना

प्रयास भी ना करना,

कारण जानने का।


अगर अपने ही घर का

द्वार खोल देखा होता,

समाधान पाया होता।


और कोई भी नहीं जानता

कब कहाँ लगा था धक्का

जो दरकी आधारशिला।


हाल अपने बसाये घर का

पता तुम्हें ही तो होगा ना ?

फिर किसी से क्या कहना ?


पूर्वाग्रहों की गाँठ खुले ना,

तब भी बात ख़त्म कर देना।

वर्ना विनाश चक्र कैसे टूटेगा ?


यह घटना क्रम कैसे थमेगा ?

चक्रव्यूह से बाहर आने का

मार्ग स्वयं ही खोजना होगा।


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