STORYMIRROR

नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

Fantasy Others Children

4.3  

नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

Fantasy Others Children

मिठास

मिठास

1 min
386


और इस तरह 

आकाश के भाल पर 

झूमर-सा जा टंका,

शहद में घुला चंद्रमा ।

बहुत देर तक 

छत पर टहलता रहा 

बिल्कुल अकेला,

आखिर थक-हार कर 

बैठ गया वहीं पर

सड़क से आती 

रोशनी को देखता।

फिर जाने क्या सूझा ..

लैंप पोस्ट को सीढ़ी बना 

जा पहुंचा आसमान पर 

मुँह चिढ़ाता शक्लें बनाता

पहाड़ी के पीछे जा छिपा।

फिर निकला झांकता हुआ 

नज़रें चुराता झेंपता हुआ।

दूधिया बताशे सरीखा।

जी भर कर जो निहारा

मन में झट घुल गया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy