सबसे छोटा बचपन सबसे बुरा बुढ़ापा सबसे छोटा बचपन सबसे बुरा बुढ़ापा
अपने हौसले की सीढ़ी के बल पर। अपने हौसले की सीढ़ी के बल पर।
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खो जाता अनमोल रतन-धन, कितना मधुर है होता बचपन। खो जाता अनमोल रतन-धन, कितना मधुर है होता बचपन।
मगर मैं वही गढ्ढा, वही सीढ़ी और वही नदी होता जाता हूँ, जो नहीं होना चाहता हूँ। मगर मैं वही गढ्ढा, वही सीढ़ी और वही नदी होता जाता हूँ, जो नहीं होना चाहता हूँ।
सब कहेंगे मेरे कंधे पे चढ़कर जाओ हाँ वो मेरा हक़ पेंन्डिंग रहा सब पर। सब कहेंगे मेरे कंधे पे चढ़कर जाओ हाँ वो मेरा हक़ पेंन्डिंग रहा सब पर।