माँ प्रणाम
माँ प्रणाम
माँ की महिमा क्या करूँ बखान
माँ हर रूप में होती है महान
एक माँ हमारी-तुम्हारी सरल मना
धुरी घर की, रखती सबका ध्यान
स्नेह की बाती जलती आठों याम
एक हमारी भारत माँ तिरंगा परिधान
आंचल में समेटे हर प्रांत की पहचान
इस पावन मिट्टी ने जन्मे वीर जवान
यशोदा मैया कान्हा की नित लेत बलैया
माखन-मिसरी भोग लगावे लाढ लङावे
उत्पात किये ऊखल से बांधे भोली मैया
धन्य धाय माँ पन्ना ममता का मान बढ़ाया
मेवाड़ वंश की रक्षा में अपना पुत्र गंवाया
पत्थर रख कलेजे पर राज धर्म निभाया
माँ दुर्गा महिषासुर मर्दिनी ने त्रिशूल उठाया
जन जन के ह्रदय में व्याप्त भय दूर भगाया
माँ जगद्धात्री से जग ने अभय वरदान पाया।